उत्तर प्रदेश के 9 जिलों अकबरपुर, संत कबीर नगर, उन्नाव, हरदोई, फर्रुखाबाद, सीतापुर, प्रतापगढ़, हापुड और बाराबंकी और लखनऊ जिले के 25 गावों के 100 से अधिक किसानों को भारतीय कृशि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली की प्रौद्योगिकी से लाभान्वित कराया। चयनित क्षेत्रों की मृदा का हमारी प्रयोगषाला तथा संस्थान द्वारा विकसित मीटर से परीक्षण भी किया गया है।
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक की सहायता से वर्श 2005 में राश्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के सहयोग से एक क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में बड़ी संख्या में आस-पास के किसान, उद्यमी व कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ आयुर्वेद व यूनानी के चिकित्सकों व स्वंयसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों नें भाग लिया। देष भर से आये कुछ प्रतिनिधियों के साथ सभी हितधारकों नें न केवल चर्चा की वरन भविश्य में साथ मिलकर कार्य करने की संभावनाएं भी तलाष कीं।
वर्ष 1998 से बड़ी संख्या में किसानों व स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों को जैविक कृशि, खाद बनाने व कीट नियंत्रण प्रयोगों हेतु उन्मुखीकरण, जागरुकता एवं प्रषिक्षण दिया गया है जिससे जैविक कृशि, उसके प्रमाणीकरण व विपणन में सहायता मिली है।
© जीवनीय सोसाइटी । सर्वाधिकार सुरक्षित