भविष्य की प्राथमिकताएं

पिछले दो दषकों के अनुभवों और वैष्विक वर्तमान स्थिति के आधार पर लगता है कि उत्कृश्टता तथा नेतृत्व को संर्वधन में कमी के फलस्वरुप भारतीय समाज के समग्र विकास के विभिन्न पहलुओं में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इसके लिए तत्काल इन सभी क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर नीतिगत हस्तक्षेप तथा जमीनी कार्यवाही की आवष्यकता है।

  • प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए पारंपरिक चिकित्सा एवं लोक चिकित्सकों को षामिल कर सामुदायिक/जन स्वास्थ्य के माडल परियोंजनाओं की स्थापना।
  • लोक स्वास्थ्य एवं पारंपरिक चिकित्सा के चिकित्सकों में उत्कृश्टता को बढावा देने हेतु उन्हें चिन्हित एवं प्रोत्साहित करने हेतु नेटवर्क की स्थापना।
  • ग्रामीण ओर षहरी क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु कृशि, पषुधन, जल प्रवंधन, षिक्षा, प्रौद्योगिकी ओर स्वास्थ्य सेवा से जुड़े क्षेत्रों के लिए विज्ञान और तकनीकी सहायता।
  • सोसाइटी उपरोक्त विशयों में सीधी कार्यवाही हेतु समान विचार वाले सरकारी, व्यक्तिगत एवं स्वंयसेवी संस्थाओं के बीच नेटवर्क स्थापित करने का प्रयास करेगा ताकि अपेक्षित परिणाम मिल सके।