अनाज एवं दालें

सभी दालें   500 gm & 1 K

चना, उड़द, मूंग, मसूर और अरहर :
दाल प्रोटीन और फाइबर का बहुत बड़ा स्रोत हैं व ये कॉलेस्ट्रॉल रहित होती है. इसमें आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामिन बी और मिनरल्स की कमी को भी पूरा करती है.

अनाज

सत्तू (भुना हुआ) 500 gm
सत्तू सेहत के लिए वरदान है। गर्मियों में इसका सेवन शीतलता प्रदान करता है। फाइबर से भरपूर होने के कारण पेट संबंधी समस्याओं को दूर करता है। इसमें लो ग्लाईसेमिक इंडेक्स होते हैं, जिस कारण यह मधुमेह के रोगी के लिए बहुत अच्छा होता है।
बनाने की विधि: 1. 4-5 चम्मच सत्तू को 200 ml पानी में मिलाएं और स्वादानुसार नमक मिलाएं। 2: हम सत्तू में गुड़ और पानी मिलाकर भी इसका कर सकते हैं।

मल्टीग्रेन आटा 500 gm & 1 Kg
पांच प्रकार के अनाज मिलाकर बनाया जाता है, जैसे जौ, बाजरा, मक्का इत्यादि। ये फाइबर और विटामिन बी-12 के स्रोत हैं।

दलिया (भुनी हुई)  250 & 500 gm
इससे आपका पाचन तंत्र बेहतर कार्य करता है और फाइबर से भरपूर होने के कारण पेट संबंधी समस्याओं का निराकरण करता है। जब यह मिश्र‍ित अनाज से बना होता है तो इसकी पोषकता और भी बढ़ जाती है।
बनाने की विधि: इसको आप बिना भूने सीधे इसमें दूध डाल कर 10 - 15 मिनट तक पकाएं. और गुड़ या शक्कर डाल कर सेवन करें.

किनोआ  100, 250 & 500 gm
सुपर-ग्रेन कहे जाने वाले किनोआ में प्रोटीन, विटामिन, मैग्नीशियम, पोटैशियम होता है और यह स्वादिष्ट होने के साथ ही कई बीमारियों से लड़ने में मदद भी करता है. किनोआ को लोग अधिकतर नाश्ते में खाते हैं. इसमें एंटी-एजिंग, एंटी कैंसर और एंटी-सेप्टिक गुण पाए जाते हैं. कैल्शियम की अधिक मात्रा होने के कारण यह दांतों और हड्डियों को भी मजबूत करता है.
प्रयोग विधि : किनोआ को दलिया की तरह ही मीठा या नमकीन बनाया जाता है.

काला नमक चावल 500 gm & 1 Kg
यह स्वाद में लाजवाब व इसकी खुशबू बेहिसाब है और खाने पर घी जैसा मुलायम है। यह बासमती की तुलना में अधिक मुलायम व खुशबूदार है।
बनाने की विधि: इस चावल को बनाने से पहले १ घंटे के लिए पानी में भिगो दें तो चावल अधिक स्वादिष्ट बनेगा.

मसाले & जड़ी बूटी

हल्दी पाउडर 100, 250 & 500gm
हल्‍दी न केवल एक मसाला है, बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी हैं। सौंदर्य प्रसाधनों में भी इसका इस्‍तेमाल किया जाता है। लीवर की तकलीफों से निजात पाने के लिए हल्‍दी बेहद उपयोगी होती है। यह रक्त दोष दूर करती है।
प्रयोग विधि : सब्जी में 1 छोटा चम्मच हल्दी डालने से सब्जी का स्वाद बढ़ जाता है. रत में दूध में हल्दी डालकर उबालें और पियें.

मेथी दाना  100 & 250 gm
मेथी में अनेक प्रभावशाली फायटो-नुट्रिएंट्स के साथ साथ लौह,मैग्नीशियम,फॉसफोरस, मैंगनीज एवं ताम्बे जैसे खनिज भी उच्च मात्रा में पाए जाते हैं.
प्रयोग विधि :  1 चम्मच मेथी दाना रात को 250 ml पानी में भिगो दें, पूरी रत भीगने दें. सुबह मेथी दाना चबा चबा कर खाएं.

काली मिर्च 50, 100 & 250 gm
काली मिर्च कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन के, फ्लैवोनॉयड्स कारोटेन्स व अन्य एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण होते हैं, जो कैंसर और विशेषकर स्तन कैंसर जैसी समस्याओं से सुरक्षित रखता है।
प्रयोग विधि : 5-6 काली मिर्च चाय में डालने से चाय के गुण कई गुना बढ़ जाते हैं.

लौंग 25,50 & 100gm
दाँत दर्द में बहुत लाभकारी है, श्वसन के किसी भी प्रकार के संक्रमण में इससे लाभ होता है, पाचन में सुधार, यौन स्वास्थ्य में वृद्धि करता है. चोट अथवा मोच के घाव में लगाने पर जल्दी ही आराम मिलता है.
प्रयोग विधि :  2 लौंग को चाय में डालकर नियमित सेवन करने से श्वास सम्बंधित रोग नहीं होते.

इलाइची 25,50 & 100 gm
पेट की गैस, भूख की कमी और कब्ज से निपटने के लिए इलाइची अत्यधिक लाभदायक है। इसके सेवन से गुर्दे में जमा हुआ मल आसानी से मूत्र के रास्ते बाहर निकल जाता है.

प्रयोग विधि : इलाइची का सेवन बहुत रूप में किया जा सकता है या बीज छीलकर ले सकते हैं अन्यथा यह माउथ फ्रेशनर का काम करती है. चाय में 1 इलाइची डालने से चाय का स्वाद बढ़ जाता है।

अलसी 100, 250 & 500 gm
खाना खाने से पहले फलैक्स सीड खाने से भूख कम लगती है। इससे उन लोगों को फायदा होगा, जिन्हें भूख ज्यादा लगती है या जो लोग डाइटिंग पर हैं।  इसके छिलके अपने साथ फैट को लपेट लेते हैं इससे बॉडी का फैट कम करने में मदद मिलती है। यह कॉलेस्ट्रॉल को कम करती है, यह ब्लड शुगर को कम करती है, यह खून के गाढ़ेपन को कम करती है।
प्रयोग विधि :  अगर आप चमकती दमकती त्वचा चाहते हैं, अपनी स्मूदी में 2 चम्मच अलसी जरूर मिलाएं.

 
ग्रीन टी व उसके मिश्रण

ग्रीन टी 25 & 50 gm
ग्रीन टी एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बायोटिक, शक्तिशाली व तनाव मुक्त करने में बहुत सहायक है. खाँसी और ठंड से मुक्त दिलाती है.

प्रयोग विधि :  एक कप उबलते पानी में आधा चम्मच चाय डालें और गैस बंद करके ढक्कन ढक दें, अंत में शहद या गुड़ डालकर इसका सेवन करें.

अन्य जड़ी बूटी के साथ मिश्रण

  1. बबूना+ग्रीन टी: यह चाय एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बायोटिक, शक्तिशाली व तनाव मुक्त करने में बहुत सहायक है.
  2. ज्वरांकुश +ग्रीन टी: यह चाय कफ, खाँसी और किसी भी प्रकार की खासी से मुक्ति दिलाती है.
  3. तुलसी+ग्रीन टी: यह चाय एंटी-ऑक्सीडेंट व तनाव मुक्त करने में बहुत सहायक है. खाँसी, ज्वर और फ़्लू में लाभदायक है.
  4. गुलाब पत्ती +ग्रीन टी: यह चाय तनाव व थकान मुक्त करने में बहुत सहायक है.

 

हर्बल उत्पाद

हल्दी की पत्तियों का तेल 15, 35 & 100 ml
चोट में लगाने से बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं. गठिया में व अन्य जोड़ों में लगाने पर बहुत लाभ मिलता है
प्रयोग विधि : 2 बूँद हल्दी का तेल लेकर जोड़ों की मालिश करें.

तुलसी अर्क 60 ml
यह पूरे विश्व की सबसे प्रभावकारी और बेहतरीन दवा है। एक एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी- बैक्टीरियल, एंटी-वायरल,  एंटी-फ्लू, एंटी-बायोटिक, एंटी-इफ्लेमेन्ट्री की तरह कार्य करने लगती है।
प्रयोग विधि : 1-3 ml तुलसी अर्क आधे ग्लास गुनगुने पानी के साथ लीजिये.

गुलाब जल 100 ml
गुलाबजल त्वचा में आए लालपन, जलन और संवेदनशीलता को दूर करने का कार्य करता है। संवेदनशील त्वचा पर हर तरह का
सौन्दर्य उत्पाद प्रयोग नहीं किया जा सकता, परन्तु गुलाबजल का प्रयोग आसानी से टोनर, क्लीन्ज़र और मोइस्चराइज़र के रूप में किया जाता है।
प्रयोग विधि : 1 चम्मच नींबू का रस, 1 चम्मच गुलाब जल का मिश्रण बना लें और 30 मिनट के लिए चेहरे पर लगायें, फिर साफ़ पानी से धो लें.

तनाव-थकान शामक चूर्ण  50 gm
यह जड़ी बूटी दिन भर की थकान और तनाव को कम करने में सहायक है.
प्रयोग विधि : एक कप उबलते पानी में आधा चम्मच चाय डालें और गैस बंद करके ढक्कन ढक दें,अंत में शहद या गुड़ डालकर इसका सेवन करें.

सर्दी-खांसी शामक चूर्ण 50 gm
यह सभी तरह के सर्दी और खांसी में आराम मिलता है. गले की मुख्यतः बिमारी के लिए इस चूर्ण का सेवन अत्यंत लाभदायक होता है.

प्रयोग विधि : एक कप उबलते पानी में आधा चम्मच चाय डालें और गैस बंद करके ढक्कन 
ढक दें,अंत में शहद या गुड़ डालकर इसका सेवन करें.

गुड़  250 & 500 gm
यह आपके शरीर और श्वसन प्रणाली को साफ करता है, भोजन में प्राकृतिक मिठास के लिए, अच्छे पाचन के लिए और खनिजों से समृद्ध है।
खाने के बाद 10 gm गुड़ का सेवन करने से खाना जल्द ही पच जाता है.

खंडसारी  250 & 500 gm
यह आपके शरीर और श्वसन प्रणाली को साफ करता है, भोजन में प्राकृतिक मिठास के लिए, अच्छे पाचन के लिए और खनिजों से समृद्ध है।.
प्रयोग विधि : चाय, दूध अथवा हलवा बनाने में शक्कर की जगह खंडसारी का प्रयोग सर्वोत्तम है

हर्बल कीट विकर्षक 6 pcs
कपड़े में सिल्वरफिश से बचाता है. लम्बे समय तक गेहूं या किसी अनाज में कीड़े पड़ने से रोकता है.
प्रयोग विधि :  कीट से बचाव के लिए HIR का 1 पैकेट कपड़ों या अनाज में डालें.