व्यापक प्रभाव के लिए नीतिगत पहल

विभागों द्वारा अनुरोध के आधार पर मदद :


  1. 1988-92 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार को औशधि पौधों तथा पारंपरिक चिकित्सा पर कार्यक्रम विकसित करने हेतु।
  2. 1988.2004रू ग्रामीण प्रौद्योगिकी, ग्रामीण विकास तथा स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा के पुनरोद्धार पर कापार्ट को विभिन्न स्तरों पर जानकारी प्रदान करना।
  3. भारत सरकार के योजना आयोग को आठवीं, नौवीं और दसवीं पंचवर्शीय योजनाओं की तैयारी के लिए भारतीय चिकित्सा पद्धति तथा होम्योपैथी पर कार्य समूह के सदस्य के रुप में जानकारी प्रदान की।
  4. समिति के सचिव ने आयुर्वेदिक फार्माकोपिया समिति के एक सदस्य के रुप में ”आयुश“ विभाग (आयुर्वेद, योगा तथा प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा तथा होम्योपैथी) को जानकारी प्रदान की तथा केन्द्रीय आयुर्वेदिक अनुसंधान परिशद (CCRAS) तथा राश्ट्ीय औशधि पादप बोर्ड (National Medicinal Plant Board) को पेटेण्ट के मुद्दों पर राय प्रदान की।
  5. 1996-97: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार के सभी विभागों के लिए नौवी पंचवर्शीय योजना का प्रारुप तैयार किया तथा उत्तर प्रदेश में एक मेडिकल विष्वविद्यालय की स्थापना के लिए एक आधिकारिक दस्तावेज तैयार किया गया जिसे उत्तर प्रदेश सरकार नें स्वीकार कर लिया।
  6. उत्तर प्रदेश सरकार के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति के लिए ड्राफ्ट तैयार किया तथा इसे उत्तर प्रदेश सरकार के सचिवों की समिति के सम्मुख अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया। (1995-1999) इसी प्रकार का एक अन्य प्रस्ताव मध्य प्रदेष सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति के लिए तैयार किया (2007-09)
  7. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेष, उड़ीसा, मेघालय और खादी और ग्रामोद्योग आयोग के लिये जड़ी-बूटी के क्षेत्र विकसित करने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये। (2001-07)
  8. उत्तर प्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिशद के समन्वय से उत्तर प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए प्रस्तावित विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति की तैयारी में जानकारी उपलब्ध कराना। (2013)